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बिजनेस मैनेजमेंट

मैनेजमेंट से जुड़े पेशेवरों की हमेशा से मांग रही है। बाजार में बढ़ती प्रतियोगिता के चलते कंपनियां अपने कारोबार की वृद्धि के लिए प्रतिभावान युवाओं की तलाश करती रहती हैं। इससे युवाओं के लिए रोजगार की ढेरों संभावनाएं बनी हैं। कंपनियां अपने लक्ष्यों को बिना किसी बाधा के हासिल करने के लिए व्यवसाय प्रबंधन में कुशल युवाओं की सेवाएं लेती हैं। अर्थव्यवस्था के बढ़ते महत्व और उच्च शिक्षा में बढ़ते मौकों के चलते भारत व्यवसाय प्रबंधन का प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरा है। नियोक्ताओं ने भी मोटा पैकेज देकर योग्य पेशेवरों के भरोसे को बरकरार रखा है, जिसके चलते अन्य युवा इस ओर बढऩे को प्रेरित हुए हैं। आज व्यवसाय प्रबंधन के दायरे में कई कार्यक्षेत्र आ गए हैं। इससे कार्य का दायरा बढ़ा है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर की 84 प्रतिशत कंपनियों ने अपने कार्यबल में नए एमबीए स्नातकों को शामिल करने की योजना बनाई है। रोजगार की दृष्टि से देखें तो व्यवसाय प्रबंधन से जुड़े क्षेत्रों में मौके ही मौके हैं।

इस क्षेत्र में युवाओं के लिए है बेहतर ऑह्रश्वशन बात चाहे नौकरी में जमे रहने की हो या व्यवसाय को आगे बढ़ाने की, आज लगभग हर युवा व्यवसाय की बारीकियां समझना चाहता है। इससे जुड़ा कोई भी कोर्स करने से पहले युवाओं को खुद से कई सवाल पूछने होंगे। मसलन, उन्हें स्पष्ट होना चाहिए कि डिग्री लेने के बाद वे किस क्षेत्र में क्या करना चाहेंगे। इसमें कई कोर्स तो ऐसे हैं, जिन्हें पेशेवर नौकरी के दौरान या ऑनलाइन भी कर सकते हैं। ग्रेजुएशन स्तर के कोर्स जैसे बीबीए, बीबीएस में प्रवेश 12वीं पास छात्रों को मिलता है। इन्हें वक्त की जरूरत के हिसाब से बेहतर बनाया जा रहा है। एमबीए कोर्स में कोई भी ग्रेजुएट युवा प्रवेश पा सकता है। अच्छे बी-स्कूल से एमबीए करने के बाद छात्रों के सामने नौकरी का कोई संकट नहीं है। इन प्रमुख बी-स्कूलों की सीटें भी बढ़ी हैं। हालांकि, इनमें प्रवेश पाने के लिए कैट, मैट आदि प्रवेश परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ेगा। पर, प्रवेश परीक्षा की अच्छी तैयारी के बाद छात्रों को निराश होने का मौका नहीं आएगा।

बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए)
बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज (बीबीएस)
बैचलर इन बिजनेस मैनेजमेंट स्टडीज (बीबीएम)
मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्टे्रशन (एमबीए)
पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम)
पीजी डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट (पीजीडीबीएम)

एक अच्छा प्रबंधक बनने के लिए नेतृत्व कौशल का होना बेहद जरूरी है। उसमें एक एंटरप्रिन्योर के गुण होने चाहिए, जो व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए जोखिम उठाने को भी तैयार रहते हैं। और आगे बढऩे के लिए हमेशा उत्साहित रहते हैं। संवाद में बेजोड़ होते हैं। उनकी बातों और व्यवहार में विश्वसनीयता और स्पष्टता होती है।

लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट: अगर युवा चीजों के आकर्षक पहलुओं को खोज लेता है, तो लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट में करियर बना सकते हैं। भारत में जिस तेजी से यह क्षेत्र पनप रहा है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इसमें प्रशिक्षित पेशेवरों के लिए बेहतरीन मौके हैं। इसमें एमबीए के अलावा सर्टिफिकेट कोर्स भी मौजूद हैं, जिन्हें नियमित और ऑनलाइन दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है। कुछ प्रचलित कोर्स: एमबीए इन लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट पीजी डिह्रश्वलोमा इन लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट: केंद्र व राज्य सरकारों के अलावा मल्टीनेशनल और कॉरपोरेट कंपनियां भी गांवों का रुख कर रही हैं। नतीजा, वहां पर बैंक सहकारी समिति, मंडी समिति और कृषि केंद्रों का बखूबी संचालन हो रहा है। इन केंद्रों को चलाने के लिए को-ऑपरेटिव मैनेजरों की जरूरत पड़ती है। इसमें करियर बनाने के लिए को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट में कोर्स करना जरूरी है।

कुछ प्रचलित कोर्स: एमबीए इन को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट पीजी डिह्रश्वलोमा इन को-ऑपरेटिव बिजनेस मैनेजमेंट एंटरप्रिन्योरशिप मैनेजमेंट: एंटरप्रिन्योरशिप मैनेजमेंट एक ऐसा क्षेत्र है, जो न सिर्फ बिजनेस की बारीकियों के बारे में बताता है, बल्कि खुद का व्यवसाय शुरू करने की क्षमता भी देता है। कोर्स के बाद छात्र चाहें तो प्रमुख कॉरपोरेट कंपनियों में नौकरी कर सकते हैं। इसमें बैचलर, पोस्ट ग्रेजुएट और डिह्रश्वलोमा स्तर पर कोर्स कराए जा रहे हैं। इनमें से कुछ नियमित तरीके, तो कुछ ऑनलाइन माध्यम से किए जा सकते हैं। कुछ प्रचलित कोर्स: बीबीए इन एंटरप्रिन्योरशिप मैनेजमेंट ‘पीजी डिह्रश्वलोमा इन बिजनेस एंटरप्रिन्योरशिप. स्पोट्र्स मैनेजमेंट: स्पोट्र्स मैनेजमेंट के दायरे में खेल फेडरेशन व संगठनों के संचालन, क्लाइंट सर्विसिंग, ह्रश्वलानिंग तथा इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े कार्य आ जाते हैं। स्नातक के बाद कई ऐसे कोर्स हैं, जिन्हें करने के बाद स्पोट्र्स सेंटर, लब, टे्रनिंग सेंटर आदि में बड़े पद पर काम किया जा सकता है।

कुछ प्रचलित कोर्स: एमबीए इन स्पोट्र्स मैनेजमेंट इसी तरह एक्सपोर्ट मैनेजमेंट भी एक अच्छा क्षेत्र है। एमबीए इन इंटरनेशनल बिजनेस व डिप्लोमा इन एक्सपोर्ट मार्केटिंग कुछ प्रचलित कोर्स हैं। भारत में मैनेजमेंट से जुड़े प्रतिभाशाली पेशेवरों की शुरू से ही मांग रही है। कंपनियां अपने यहां वर्कशॉप और अन्य ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करती हैं, ताकि इस क्षेत्र के पेशेवरों को इंडस्ट्री की जानकारियों से वाकिफ कराया जा सके। इसमें एक स्पेशलाइजेशन कोर्स के जरिए छात्र बुलंदी तक पहुंच सकता है। शर्त यह है कि छात्र अपनी रुचि के अनुसार कोर्स करे। यह एक ऐसा पेशा है, जो छात्रों को कुछ भी करने से रोकता नहीं है। छात्र जो भी करना चाहें, उनको हर कदम पर मदद पहुंचाता है। अब यह छात्रों पर निर्भर करता है कि वे अपने उत्साह को किस रूप में संजोते हैं और इस क्षेत्र की कौन सी दिशा में आगे बढ़ते हैं। ?

बिजनेस मैनेजमेंट क्या है?
बिजनेस मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन का उद्देश्य किसी एंटरप्राइज या बिजनेस को चलाने के लिए आवश्यक मैनेजमेंट स्किल्स के बारे में संपूर्ण जानकारी और दृष्टिकोण उपलध करवाना है ह्रश्वलानिंग, ऑर्गनाइजिंग, एग्जीक्यूशन, डायरेक्शन से लेकर इह्रश्वलीमेंटेशन तक सभी प्रयासों का फोकस स्टूडेंट्स/ कैंडिडेट्स की एनालिटिकल और लॉजिकल थिंकिंग स्किल्स को निखारना है. हरेक इंडस्ट्री में, उन प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है जो सारे कार्यों का संचालन कर सकें और विभिन्न डिपार्टमेंट्स के बीच तालमेल भी स्थापित कर सके. बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स के जरिये बिजनेस मैनेजर्स संगठन के सुचारु संचालन में एक सपोर्ट मैकेनिज्म के तौर पर कार्य करने के काबिल बन जाते हैं

बिजनेस मैनेजमेंट क्यों चुनें?
कैंडिडेट्स अपने करियर की नींव बनाने के लिए बिजनेस मैनेजमेंट का ऑह्रश्वशन चुन सकते हैं क्योंकि सबसे पहले तो यह एक व्यापक विषय है जो आपको अपने करियर के बाद के वर्षों के लिए एक मजबूत आधार बनाने में मदद करता है. बिजनेस मैनेजमेंट में करियर बनाने का एक अन्य लाभ यह भी है कि, यह बढिय़ा सैलरी पैकेज ऑफर करता है और इस कोर्स को करने पर आप गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर में जॉब या अपना बिजनेस शुरु कर सकते हैं. अगर आपके पास सराहनीय ऑर्गनाइजिंग स्किल्स हैं, आपके पास बहुत अच्छे सॉट स्किल्स हैं और आप संगठन के सभी कामों की देखभाल कर सकते हैं तो आप बिजनेस मैनेजमेंट की फील्ड में अपना सफल और शानदार करियर बना सकते हैं.

इस क्षेत्र की चुनौतियां —–

शुरुआत में बिजनेस की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षाओं की चुनौती होती है। फिर, नौकरी के चयन में भी प्रतियोगिता कड़ी होती है। शानदार वेतन से शुरुआत करने का मौका शीर्ष बिजनेस स्कूलों के छात्रों को आसानी से मिलता है। आईआईएम के अतिरिक्त महज आठ प्रतिशत संस्थान ही छात्रों को रोजगार दे पाने में सक्षम हैं। ऐसे में इसइंडस्ट्री में टिके रहने के लिए छात्रों को पढ़ाई के दिनों से ही सजग रहना होगा। अपनी क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।