पीएम मोदी के इस शिक्षा कार्यक्रम के तहत युवा लेखकों को दिया जा रहा है बड़ा मौका
पीएम नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व के तहत, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं के दिमाग को सशक्त बनाने पर जोर देती है ताकि भारत का आने वाला भविष्य उज्वल हो सके। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश के युवा लेखकों को स्वतंत्रता सेनानियों पर किताबें लिखने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने MENTORING YOUNG AUTHORS नाम से एक नये कार्यक्रम की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने मन की बात के दौरान यह घोषणा की थी। उन्होंने कहा, हमें अपने युवा लेखकों की मदद करनी होगी और ऐसे नेताओं का एक वर्ग बनाना होगा जो हमारे भविष्य का निर्धारण करेंगे। मैं अपने युवा मित्रों को इस पहल का हिस्सा बनने और उनके साहित्यिक कौशल का अधिकतम उपयोग करने के लिए आमंत्रित करता हूं।
नये कार्यक्रम के तहत भारत के युवा लेखकों को देश के वीर, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था के बारे में किताब और लेख लिखना होगा। कार्यक्रम को हमारे देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 75 युवा भारत के रूप में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में 75 युवा लेखकों को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम की निगरानी की जाएगी। इच्छुक उम्मीदवारों को कार्यक्रम के लिए जल्द ही आवेदन करना होगा क्योंकि 1 अप्रैल 2021 को पहला मेंटरशिप बैच शुरू होगा। चयनित लेखकों को 6 से 9 महीने की अवधि के लिए विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जाएगी और अंत में नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा एक पुस्तक प्रकाशित की जाएगी। इच्छुक लेखकों को ईमेल के माध्यम से एक आवेदन पत्र एनबीटी के निदेशक श्री युवराज मलिक को अपने आधिकारिक ईमेल पते [email protected] पर भेजना होगा।
युवाओं को प्रदान किया जाएगा अंतरराष्ट्रीय मंच
भारत देश को युवाओं का देश कहा जाता है क्योंकि युवा आबादी में विश्व चार्ट में भारत सबसे ऊपर है। युवा शक्ति की ताकत पर भारत पूरी दुनिया में अपने साहित्य और इतिहास को पहुंचा सकता है। हमारे देश को पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में 3वां स्थान दिया गया है और स्वदेशी साहित्य के इस खजाने को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि हम इसे वैश्विक स्तर पर प्रोजेक्ट करें। यह योजना न केवल उन लेखकों की एक धारा विकसित करने में मदद करेगी जो भारतीय विरासत, संस्कृति और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विषयों के एक स्पेक्ट्रम पर लिख सकते हैं, बल्कि इच्छुक युवाओं को अपनी मातृभाषा में खुद को स्पष्ट करने और एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक मौका प्रदान करेगी। यह कार्यक्रम माननीय पीएम मोदी के ॠ’ङ्मुं’ उ्र३्र९ील्ल के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा और भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेगा। क्या है एनबीटी की पूरी योजना इस योजना में लेखकों को 22 भारतीय भाषाओं में लेखन करने की आजादी होगी। यह उन लेखकों के लिए बड़ा मंच होगा जो खुद को अभिव्यक्त करने और भारत को किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रोजेक्ट करने के लिए तैयार हैं। यह कार्यक्रम विश्व स्तर पर भारतीय संस्कृति और साहित्य को प्रोजेक्ट करने में मदद करेगा। इस कार्यक्रम में लेखक कथा, गैर-कल्पना, यात्रा-वृतांत, संस्मरण, नाटक, कविता और जैसी विभिन्न शैलियों में लिखने में कुशल हो जाएंगे। यह कार्यक्रम नौकरी के अन्य विकल्पों के साथ पठन और लेखन को एक पसंदीदा पेशे के रूप में लाना सुनिश्चित करेगा, जिससे भारत के बच्चे किताबों को अपने आप को संवारने का एक अभिन्न अंग बना लेंगे। 8 से 18 वर्ष की आयु के भारतीय इस प्रतियोगिता में भाग लेने के पात्र हैं। वे पुस्तक को 22 आधिकारिक भाषाओं और अंग्रेजी में से किसी में भी लिख सकते हैं। प्रत्येक भाषा में कुल 10 लेखकों को मेंटरशिप के लिए चुना जाएगा। मेंटरशिप के तहत चयनित लेखक एक वर्ष की अवधि के लिए 12,000 (रुपये, 1000 मासिक वजीफा) के वजीफे के लिए पात्र होंगे। इस परियोजना का उद्देश्य विविध पृष्ठभूमि और भाषाई समूहों के लेखकों को शामिल करना है। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था, मैं सभी देशवासियों को और खासकर देश के युवा साथियों से अपील करता हूं कि आप देश के स्वतंत्रता सेनानियों की वीर कथाओं पर कुछ लिखें। आप अपने क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम के दौर की वीरता की गाथाओं को लेकर किताबें लिखें। अब, जबकि भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष मनाएगा, तो आपका लेखन आजादी के नायकों के प्रति उत्तम श्रद्धांजलि होगी। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की जंग पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।