तुलसी
हिन्दी नाम – वृन्दा
वानस्पतिक नाम – Ocimum sanctum
प्रयोज्य अंग- पत्र, पुण्य, बीज
25 दिसंबर 2021
आज है तुलसी पूजन दिवस, हर साल 25 दिसंबर को यह दिवस मनाया जाता है।
तुलसी केवल पौधा नहीं है, यह धरा के लिए वरदान है। ठाकुरजी (श्रीहरि ) को भोग में तुलसी दल को अवश्य आर्पित करते हैं तभी श्री हरि भोग को स्वीकार करते हैं। इसके औषधीय गुणों की वजह से आर्युवेद में तुलसी का प्रमुख स्थान है। तुलसी के नियमित उपयोग से आप कई रोगों से वंचित रहते हैं आपकी जीवनी शक्ति दिन प्रतिदिन बढ़ती हैं और शरीर में उर्जा एवं ताज़गी बनी रहती है।
गरुड़ पुराण के अनुसार तुलसी का वृक्ष लगाने पालन करने सीचने, स्पर्श करने, उनका ध्यान एवं पूजन करने से मनुष्य के पूर्व जन्मार्जित पाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
आज के दिन पूजन के लिए सर्वप्रथम तुलसी का पौधा जिस गमले में लगा है उसे साफ स्वच्छ करे, अच्छा हो तो उसे रंग दे, अच्छी सी रंगोली बना कर। उसे जल से सींचे, रोली अक्षत पुष्प उन्हें अर्पित करें, फिर आरती करें. संभव हो तो परिक्रमा भी करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। यह श्लोक भी आप बोल सकते है।
लक्ष्मी सखी, विष्णुप्रिया, पापहारिणी, मोक्ष प्रदाशिनी तुलसीभ्यां नमोस्तुते ॥
तुलसी के नामों का भी हम स्मरण कर सकते हैं
वृंदा,
वृंदावनी
विश्वपूजिता
विश्वपावनी
पुष्पसारा
नन्दिनी
तुलसी और कृष्णजीवनी
आज के दिन केवल तुलसी पूजन ही नहीं बल्कि तुलसी का पौधा घर-घर लगाया जाना चाहिए |